बोस की गर्जना और आज़ाद की दहाड़ है I
मेरा भारत महानता का विशाल पहाड़ है II
भगत जिसकी छोटी और पटेल जिसका आधार है I
खुदीराम और राजगुरु के भी हम पर उपकार है II
लाल-बाल-पाल के अतुलनीय आभार है I
हर वक़्त कुर्बानी देने जो रहे तैयार है II
लक्ष्मीबाई का तेज़ और तात्या की दूरदृष्टि बेशुमार है I
मंगल पांडेय का बलिदान भी एक उपकार है II
गाँधी की शांति भी यहाँ, और सबमें देशभक्ति अपार है I
कोटि कोटि नमन उन वीरो को
जिन्होंने हमे दिया ये अतुलनीय आज़ादी का उपहार है II

Independence Day Poetry In Hindi By Pooja Singh
- Post author:Uprising.Views
- Post published:August 13, 2021
- Post category:Poetry
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